गुजरात में हाल ही में हुई दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा “स्टेचू ऑफ़ यूनिटी” बन कर तैयार हुई है। सरदार पटेल जी की इस प्रतिमा की ऊंचाई 182 मी. है।
इस प्रतिमा को बने अभी 1 माह भी नहीं हुए इधर खबरे आने लगी की राजस्थान के उदयपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर गणेश टेकरी नामक जगह पर भगवन शिव की प्रतिमा तैयार की जा रही है। यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी जिसकी ऊंचाई 351 फ़ीट होगी। ये जगह श्रीनाथद्वारा के नाम से प्रसिद्व है। इस मूर्ति के मार्च 2019 तक पूरे होने के कयास लगाये जा रहे हैं
आइये जानते है क्या होंगी इस प्रतिमा में विशेषताएँ-
1. उदयपुर के पास बनने वाली इस प्रतिमा की ऊंचाई इतनी होगी की इसे आस पास 20-25 किलोमीटर की दूरी से आसानी से देखा जा सकता है। इसमें एक विशेष प्रकार की लाइट लगाई जा रही है जिससे इस प्रतिमा को रात में भी दूर दराज के इलाको से देखा जा सकेगा।
2. तकनिकी रूप से इस प्रतिमा को काफी मज़बूत ढांचे के साथ बनाया जा रहा है। इस प्रतिमा के गुणवत्ता की जांच ऑस्ट्रेलिया से हुई है। इस प्रतिमा को एक एक फ़ीट की ऊंचाई पर स्टील रॉड से मज़बूती देने के बाद कंक्रीट से ढलाई की जा रही है। मूर्ति की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण भूकंप और हवा के दबाव इसपे ज्यादा पड़ेगा जिसके लिए इसमें विशेष तरह की व्यवस्था की गई है।
3. दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होने की वजह से ऊपर जाने के लिए इसमें 4 लिफ्ट की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा इसमें 3 सीढ़िया भी दी जा रही हैं। इन दोनों ही व्यवस्था के सहारे पर्यटक जन 110 फ़ीट की ऊंचाई तक जा सकते है। इसके ऊपर जाने की अनुमति आम आदमियो को नही होगी। इसके आगे मंदिर के कर्मचारी और अन्य वीआईपी को ही जाने की नौमति होगी। इस मंदिर प्रांगड़ में कैफेटेरिया, ओपन थिएटर, संगीत के साथ चलती हुए फाउन्टेनऔर लाइट्स होंगी।
इसके अलावा इसमें रिसेप्शन, कॉटेज जैसी सुविधाएं भी होंगी।
4. 351 फ़ीट ऊँची इस मूर्ति की निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार नरेश जी कर रहे हैं जिन्होंने पहले भी जनकपुरी वाले हनुमान जी की मूर्तिका निर्माण भी किया था। इसके अलावा मूर्ति बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिराज ग्रुप के पास है। इस मूर्ति का निर्माण 16 एकड़ के एरिया में एक पहाड़ी क्षेत्र में किया जा रहा है। 351 फ़ीट की इस प्रतिमा को बनाने के लिए 700 से ऊपर कर्मचारी और कारीगर काम कर रहे हैं। हालांकि इस प्रतिमा का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा में भगवान् शिव को ध्यान की मुद्रा में दर्शाया गया है। उम्मीद है आने वाले मार्च से आम आदमी इनके दर्शन कर सकेगा।